इन्वेस्टमेंट प्लान क्या होता है?
कोई व्यक्ति या संगठन फाइनेंशियल विकास के लिए अपने पैसों को किस प्रकार काम पर लगाना चाहता है इस बारे में उसके नज़रिये की कार्यनीतिक रूपरेखा को इन्वेस्टमेंट प्लान कहा जाता है. सुनिश्चित करें कि आपका इन्वेस्टमेंट प्लान हमेशा स्पष्ट उद्देश्यों, समय सीमाओं और आपकी जोखिम सहनशीलता के विस्तृत आकलन पर आधारित हो. इससे आपको अपनी ज़रूरतों के अनुसार सही इन्वेस्टमेंट साधन चुनने में मदद मिलेगी. इन साधनों के उदाहरण हैं स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट इत्यादि.
अलग-अलग श्रेणी के इन्वेस्टमेंट साधनों में पैसा लगाने और समय-समय पर उनकी समीक्षा करने वाले इन्वेस्टमेंट प्लान जोखिमों को बेहतर ढंग से मैनेज कर पाते हैं जिससे बेहतर रिटर्न पाने में मदद मिलती है. आप चाहे रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हों या शिक्षा की या फिर संपदा इकट्ठी करने की, आपके इन्वेस्टमेंट प्लान की एक तय संरचना होनी चाहिए ताकि फाइनेंशियल मार्केट के लगातार बदलते हालात में आप गुमराह न होने पाएं.
चुनने के लिए 22 इन्वेस्टमेंट प्लान
नीचे दिए गए कुछ इन्वेस्टमेंट विकल्प हैं जिनसे आप अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुसार अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुन सकते हैं -
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पारंपरिक रूप से भारत में सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्प माना जाने वाला PPF सबसे लोकप्रिय स्मॉल सेविंग स्कीम में से एक है. PPF अकाउंट होल्डर एक फाइनेंशियल वर्ष में ₹1.5 लाख तक इन्वेस्ट कर सकते हैं जबकि न्यूनतम डिपॉजिट की राशि ₹500 है. डिपॉजिट एकमुश्त तरीके से या 12 किश्तों में किए जा सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत PPF डिपॉजिट इनकम में से कटौती के लिए पात्र हैं. इनकम टैक्स के संदर्भ में बात करें, तो PPF अकाउंट EEE (एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट) के लिए भी पात्र हैं, जिसका मतलब है कि एक इन्वेस्टर को सभी तीन स्तरों - इन्वेस्टमेंट, आय और निकासी - पर टैक्स नहीं देना पड़ता है.
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड डीलर आपको विभिन्न मैट्रिक्स जैसे-जोखिम, रिटर्न और कीमत आदि के आधार पर फंड की तुलना करने की सुविधा देते हैं. क्योंकि इसमें इन्फॉर्मेशन को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है, इसलिए इन्वेस्टर बुद्धिमानी से इन्वेस्ट करने का निर्णय ले सकता है. इसके अलावा, म्यूचुअल फंड में लिक्विडिटी और प्रोफेशनल मैनेजमेंट के लाभ भी मिलते हैं. ELSS एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो आपको 80C के तहत टैक्स बचाने में मदद कर सकता है, इसके साथ ही आपको म्यूचुअल फंड फीस पर भी विचार करना चाहिए.
डायरेक्ट इक्विटी
डायरेक्ट प्लान में आप कमीशन और मार्केटिंग पर होने वाले खर्च से बच जाते हैं. इस स्कीम में छोटी राशि का इन्वेस्ट किया जाता है, जो आपको लंबे समय में अतिरिक्त रिटर्न देने में मदद कर सकते हैं.
रियल एस्टेट निवेश
भारत में रियल एस्टेट सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करना सबसे अच्छा और लाभदायक है, क्योंकि इसमें विकास की संभावनाएं बहुत हैं और इसका मार्केट बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है.
गोल्ड में निवेश
गोल्ड में निवेश करके आप अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं और इसे मार्केट के उतार चढ़ाव से बचा सकते हैं. यह इन्वेस्टमेंट महंगाई की दर से अधिक रिटर्न देता है, जिससे यह एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है. गोल्ड में इन्वेस्ट करने के लिए आपको मार्केट की जानकारी की ज़रूरत नहीं होती, जिससे हर व्यक्ति के लिए भविष्य के लिए पैसे बचाना आसान हो जाता है. अंत में, गोल्ड इन्वेस्टमेंट में उच्च लिक्विडिटी होती है, जो फाइनेंशियल एमरजेंसी के दौरान उपयोगी साबित होती है.
पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम
पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम सरकारी इन्वेस्टमेंट स्कीम है. यह आकर्षक ब्याज दरों पर बहुत से सेविंग और डिपॉजिट विकल्प प्रदान करती है, और आपको भविष्य के लिए एक बड़ा कॉर्पस बनाने में मदद करती है. ये इन्वेस्टमेंट गारंटीड रिटर्न प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें कम जोखिम वाला इन्वेस्टमेंट विकल्प मिलता है.
कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां और RBI से लाइसेंस प्राप्त अन्य फाइनेंशियल संस्थान विभिन्न कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट ऑफर करते हैं. इन्वेस्टर्स को पूरी अवधि के दौरान फिक्स ब्याज दर मिलती है और वे स्थिर रिटर्न प्राप्त कर पाते हैं.
इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPO)
IPO, स्टॉक मार्केट के जरिए जनता को सिक्योरिटीज़ बेचने की सुविधा देता है. इस प्रकार के इन्वेस्टमेंट में ग्रोथ की संभावनाएं बहुत अधिक होती है और ये लंबी अवधि में बहुत अच्छे रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि, इनमें जोखिम भी बहुत अधिक होता है और अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो आपका पैसा डूब भी सकता है.
ULIP (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान)
ULIP बहुत से लाभ प्रदान करते हैं और साथ ही इन्वेस्टमेंट और बीमा, दोनों के लाभ भी देते हैं. भारत के सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक ULIP को टैक्स लाभ के लिए जाना जाता है.
बॉन्ड्स
बॉन्ड कम जोखिम और निश्चित आय वाली सिक्योरिटीज़ होते हैं, जो इन्वेस्टर्स को एक स्थिर आय प्रदान करते हैं. इनकी मदद से इन्वेस्टर्स अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं और उच्च जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट को बैलेंस कर सकते हैं. कई सरकारी बॉन्ड मुद्रास्फीति-समायोजित रिटर्न प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें भविष्य के लिए एक स्थिर इन्वेस्टमेंट के रूप में काम में लिया जा सकता है.
बैंक FD
बैंक फिक्स डिपॉज़िट भारत में अत्यंत लोकप्रिय हैं. संचयी/गैर-संचयी विकल्पों के साथ, बैंक FD इन्वेस्टमेंट अवधि पर फिक्स्ड रिटर्न प्रदान करते हैं और बैंक की पॉलिसी के आधार पर मासिक, वार्षिक या द्वि-वार्षिक आधार पर रिटर्न देय होते हैं.
सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम (एससीएसएस)
SCSS एक सरकारी स्कीम है, जो विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक उम्र के इन्वेस्टर्स के लिए बनी है. यह एक स्थिर आय का विकल्प और टैक्स लाभ प्रदान करती है, जिससे यह कम जोखिम वाला विकल्प बन जाती है. आमतौर पर, SCSS में दूसरे विकल्पों के मुकाबले बेहतर ब्याज दर मिलती है, जिससे यह सीनियर सिटिज़न के लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट विकल्प बन जाती है.
RBI टैक्सेबल बॉन्ड
भारत सरकार विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाने के उद्देश्य से समय-समय पर RBI टैक्सेबल बॉन्ड जारी करती है. ये बॉन्ड सुरक्षित होते हैं और एक निश्चित अवधि के बाद निश्चित रिटर्न देते हैं. इनसे इन्वेस्टर्स को रिटर्न तो मिलता ही है, साथ ही उनकी कैपिटल भी सुरक्षित रहती है.
राष्ट्रीय पेंशन योजना
यह भारत के सभी क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा चलाया जाने वाला पेंशन प्रोडक्ट है और इसमें इक्विटी डेट, कॉर्पोरेट डेट और सरकारी बॉन्ड के आधार पर प्लान प्रदान किए जाते हैं. NPS में एक वर्ष में कम से कम ₹6,000 का जमा करना आवश्यक है, जबकि जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
एच डी एफ सी लाइफ आपके फाइनेंस को सुरक्षित करने के लिए व एक मजबूत फाइनेंशियल आधार तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए सेविंग और इन्वेस्टमेंट प्लान प्रदान करता है.
लाइफ इंश्योरेंस
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी बचत या इन्वेस्टमेंट घटक के साथ-साथ जीवन बीमा कवरेज प्रदान करती है. सेविंग प्लान या रिटायरमेंट प्लान जैसी पॉलिसी वर्तमान में आपके परिवार की सुरक्षा करते हुए भविष्य के लिए आपके पैसों को बढ़ाने के तरीके प्रदान करती हैं. यदि पॉलिसी अवधि के दौरान इन्वेस्टर की मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी को बीमा राशि का भुगतान प्राप्त होता है. जीवित रहने पर, पॉलिसीधारक को मेच्योरिटी लाभ मिलता है.
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली फिक्स्ड-इनकम इन्वेस्टमेंट स्कीम द्वारा समर्थित एक सेविंग विकल्प है. आप इस फाइनेंशियल टूल से गारंटीड रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
ये म्यूचुअल फंड हैं और वे विभिन्न कंपनियों के इक्विटी शेयरों में इन्वेस्ट करते हैं. अगर आप ELSS टैक्स सेवर फंड में इन्वेस्ट करते हैं, तो आप इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी और सरकार द्वारा समर्थित प्रतिभूतियां हैं. इनका मूल्य-वर्ग ‘सोने के ग्राम’ के हिसाब से तय होता है. वे सच में सोना स्टोर किए बिना सोने में इन्वेस्ट करने का एक सुरक्षित और किफायती तरीका हैं. फिक्स्ड ब्याज दरों और 8 वर्षों की मेच्योरिटी अवधि के साथ आने वाले SGB, न केवल इन्वेस्टर की पूंजी का मूल्य बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें तय अंतराल पर ब्याज आय भी देते हैं.
मंथली इनकम प्लान (MIP)
मंथली इनकम प्लान (MIP) ऐसे इन्वेस्टमेंट विकल्प हैं जिनका उद्देश्य इन्वेस्टर को नियमित आय देना है. इन प्लान में डेट (कर्ज) और ईक्विटी (शेयर) में पैसे लगाकर आय सृजन और पूंजी मूल्यवर्धन के बीच संतुलन हासिल किया जाता है. इन्वेस्टर को तय अंतराल पर भुगतान मिलता है, यानी ये प्लान मध्यम स्तर के जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न चाहने वालों के लिए उपयुक्त हैं.
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक रिटायरमेंट बेनिफिट प्रोग्राम है, जिसमें नियोक्ता और कर्मचारी, दोनों कर्मचारी की सेलरी का 12% योगदान देते हैं.
अटल पेंशन योजना (एपीवाई)
अटल पेंशन योजना (APY), असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे भारतीयों के लिए पेंशन स्कीम है. इस स्कीम के तहत, सब्सक्राइबर को उनके द्वारा किए गए योगदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु में प्रति माह ₹ 1,000/- या 2,000/- या 3,000/- या 4,000 या 5,000/- की गारंटीड न्यूनतम पेंशन मिलती है.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा डिज़ाइन की गई एक इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसका उद्देश्य भारत में बालिकाओं की खुशहाली है. इसे माता-पिता को अपनी बालिका के उच्च शिक्षा और अन्य खर्चों के लिए धन बनाने में मदद करने के लिए शुरू किया गया है.
आप सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान कैसे चुनते हैं?
सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान चुनते समय ध्यान में रखने लायक कुछ ज़रूरी बातें इस प्रकार हैं:
अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को समझें
अपने छोटी और लंबी अवधि के फाइनेंशियल उद्देश्यों को परिभाषित करें, जैसे - घर खरीदना, शिक्षा के लिए पैसों का बंदोबस्त या रिटायरमेंट.
अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन करें
यह मूल्यांकन करें कि आप जोखिम के साथ कितने सहज हैं. ऐसे इन्वेस्टमेंट चुनें जो मार्केट के उतार-चढ़ाव झेलने की आपकी क्षमता से मेल खाते हों.
अपनी समय सीमा पर विचार करें
तय करें कि आप कितने समय तक इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं. ध्यान रखें कि समय सीमा लंबी हो तो आप अधिक जोखिम वाली रणनीतियां आज़मा सकते हैं. लेकिन अगर आपके लक्ष्य छोटी अवधि के हैं तो कम जोखिम वाला तरीका अपनाना बेहतर है.
कार का मॉडल चुनें
अपने लिए विभिन्न इन्वेस्टमेंट साधन और किसमें कितना पैसा लगाना है यह तय करने से पहले, उनके पिछले परफॉर्मेंस पर गौर करें, फीडबैक लें और उनकी जानकारी जुटाएं.
विविधता
जोखिम घटाने और बेहतर रिटर्न पाने के लिए स्टॉक, बॉन्ड और रियल एस्टेट जैसे विभिन्न एसेट वर्गों से इन्वेस्टमेंट के साधन चुनना बेस्ट रहता है.
प्रोफेशनल मार्गदर्शन
फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह की बराबरी कोई नहीं कर सकता. वे बेस्ट रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए खास आपकी फाइनेंशियल ज़रूरतों और स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त सलाह देते हैं.
लागत और शुल्क
जान लें कि सभी इन्वेस्टमेंट प्लान के साथ कुछ फीस और शुल्क जुड़े होते हैं. उनसे रिटर्न पर असर पड़ता है, इसलिए इन्वेस्ट करने से पहले उन्हें ठीक से समझ लें.
अपने इन्वेस्टमेंट को नियमित रूप से मॉनीटर और एडजस्ट करें
अपने इन्वेस्टमेंट की प्रगति में शामिल रहना महत्वपूर्ण है. समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करके यह सुनिश्चित करने के लिए उसे एडजस्ट करें कि वह आपके बदलते-बढ़ते फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुरूप बना रहे.
याद रखें, इन्वेस्टमेंट प्लान चुनते समय आपको पता होना चाहिए कि आपके फाइनेंशियल उद्देश्य क्या हैं, आप ज़रूरत पड़ने पर कितनी जल्दी पैसे हाथ में पाना चाहते हैं, आपके पास इन्वेस्टमेंट के लिए कितना समय है और आप कितना जोखिम उठा सकते हैं.
इन्वेस्टमेंट प्लान के लाभ
इन्वेस्टमेंट प्लान विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं. जब अपने लिए सबसे अच्छा इन्वेस्टमेंट प्लान चुनने की बात आती है, तो आपको अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों और आकांक्षाओं की तुलना में किसी खास इन्वेस्टमेंट प्लान के लाभों का आकलन करना चाहिए. सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान के कुछ सामान्य लाभ नीचे दिए गए हैं:
धन संचय
हर इन्वेस्टमेंट का पहला लक्ष्य भविष्य के लिए पैसे बनाना और बचाना है. PPF और FD में पैसे समय के साथ निरंतर बढ़ते रहते हैं. वन टाइम इन्वेस्टमेंट प्लान (जैसे PPF और FD) बिना किसी बड़े जोखिम के आपको पैसों को बढ़ाने में मदद कर सकता है.
फाइनेंशियल लक्ष्यों को पाना
ULIPs, NPS और रिटायरमेंट प्लान जैसे इन्वेस्टमेंट माध्यम, आपको विशिष्ट फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पैसा बनाने में सक्षम बनाते हैं.
मुद्रास्फीति से मुकाबला
गोल्ड, रियल एस्टेट और इन्फ्लेशन-एडजस्टेड बॉन्ड में इन्वेस्टमेंट आपको वेल्थ बनाने में मदद करते हैं ताकि मुद्रास्फीति आपके जीवनयापन के स्तर को प्रभावित न करे.
पैसिव इनकम कमाएं
आप अपनी बचत को विभिन्न इन्वेस्टमेंट माध्यमों में इन्वेस्ट कर सकते हैं, ताकि आपको वेतन के अलावा पैसिव इनकम भी मिलती रहे. पैसिव इनकम स्ट्रीम आपको भविष्य के लिए फाइनेंशियल सेफ्टी नेट बनाने में मदद करती है.
टैक्स लाभ
ULIPs, PPFs, NPS, टैक्सेबल बॉन्ड और मनी बैक पॉलिसी सहित कई इन्वेस्टमेंट विकल्प, इन्वेस्टर को टैक्स लाभ प्रदान करते हैं. इन्वेस्टर्स, इन्वेस्ट की गई राशि पर कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं और अपनी कुल टैक्स देयता कम कर सकते हैं. इसके अलावा, कुछ मेच्योरिटी रिटर्न और लाइफ इंश्योरेंस भुगतान भी टैक्स-फ्री होते हैं.
फाइनेंशियल स्वतंत्रता
इन्वेस्टमेंट आपको भविष्य के लिए पैसा जमा करने में मदद करते हैं, जिसकी मदद से आप रिटायरमेंट के बाद के वर्षों में भी फाइनेंशियल रूप से स्वतंत्र रह सकते हैं. सबसे अच्छे इन्वेस्टमेंट विकल्प आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुसार फाइनेंशियल स्वतंत्रता प्राप्त करने में आपकी मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.
प्रियजनों की देखभाल
जीवन बीमा पॉलिसी या जीवन बीमा प्रदान करने वाले प्लान में इन्वेस्टमेंट करने से आपके न रहने पर भी आपके प्रियजनों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है. ये प्लान आपके लाभार्थी को भुगतान प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें क़र्ज़ चुकाने, अपने जीवन स्तर बनाए रखने या भविष्य के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सकती है.
विशेषज्ञों से जानें
इन्वेस्टमेंट प्लान के साथ टैक्स लाभ
वर्तमान टैक्स कानूनों के अनुसार, हर इन्वेस्टमेंट माध्यम पर अलग-अलग तरीके से टैक्स लागू होता है. नीचे दी गई टेबल संबंधित इन्वेस्टमेंट प्लान के लिए उपलब्ध टैक्स लाभ प्रदर्शित करती है -
इन्वेस्टमेंट का प्रकार |
टैक्स लाभ |
PPF |
इन्वेस्ट की गई राशि इनकम टैक्स एक्ट,1961 के सेक्शन 80C के तहत कटौती योग्य है, जो ₹1,50,000/- की लिमिट के अधीन है जिसमें अन्य मदों में हुई कटौतियां भी शामिल हैं. एक्ट की धारा 10 के तहत, प्राप्त मेच्योरिटी और ब्याज राशि भी टैक्स-फ्री होती है |
म्यूचुअल फंड |
म्यूचुअल फंड में विभिन्न फंड जैसे इक्विटी, डेट या हाइब्रिड में इन्वेस्ट की गई यूनिट शामिल हैं. इक्विटी-लिंक्ड म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्टमेंट, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र है. |
डायरेक्ट इक्विटी |
इन्वेस्टमेंट टैक्स कटौती के लिए पात्र नहीं है और प्राप्त आय पूरी तरह से टैक्सेबल होती है. |
रियल एस्टेट निवेश |
ये इन्वेस्टमेंट पूरी तरह से टैक्सेबल हैं, चाहे इन्वेस्टमेंट शॉर्ट टर्म हो या लॉन्ग टर्म. |
गोल्ड इन्वेस्टमेंट |
गोल्ड में इन्वेस्टमेंट पर टैक्स लगता है. टैक्स का निर्धारण इन्वेस्टमेंट के शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म होने के आधार पर होता है. |
पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट |
पांच वर्ष के डिपॉजिट में इन्वेस्टमेंट, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र हैं. |
कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट |
फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. |
IPO |
IPO में इन्वेस्टमेंट पर टैक्स कटौती का लाभ नहीं मिलता तथा इससे होने वाली आय को कैपिटल गेन माना जाता है, जिस पर टैक्स लगता है. |
यूएलआईपी |
आप ULIP के लिए जिस प्रीमियम का भुगतान करते हैं, वह इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स लाभ के योग्य हैं. आप इस सेक्शन के तहत प्रति वर्ष ₹ 1, 50,000 की अधिकतम कटौती का क्लेम कर सकते हैं, जो इसमें उल्लिखित शर्तों के अधीन है. अगर किसी भी वर्ष में भुगतान किया गया प्रीमियम ₹ 2,50,000 से अधिक नहीं है और यह डेथ सम इंश्योर्ड के 10% से अधिक नहीं है, तो ULIP प्लान पर मेच्योरिटी प्राप्तियों पर टैक्स छूट उपलब्ध होगी. आपके लाभार्थी या नॉमिनी को भुगतान किए गए डेथ बेनेफिट पर टैक्स नहीं लगता है. उन्हें बिना किसी टैक्स का भुगतान किए पूरा सम अश्योर्ड मिलेगा. |
बॉन्ड्स |
बॉन्ड पर अर्जित ब्याज और कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है. |
बैंक FD |
फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. हालांकि, सीनियर सिटीज़न के लिए ₹50,000 तक का लाभ उपलब्ध है/- |
SCSS |
इन्वेस्टमेंट सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती योग्य हैं, जो ₹1, 50,000/- की निर्दिष्ट लिमिट के अधीन है, अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. हालांकि, सीनियर सिटीज़न सेक्शन 80TTB के तहत अर्जित ब्याज पर प्रति वर्ष ₹ 50,000 तक की कटौती का क्लेम कर सकते हैं# |
NPS |
NPS में योगदान की कटौती का क्लेम इनकम टैक्स एक्ट,1961 के सेक्शन 80CCD के तहत किया जा सकता है, जिसमें सेक्शन 80CCD(2) # के तहत ₹50,000/- की अतिरिक्त कटौती शामिल है. हालांकि, सेक्शन 80CCE# में निर्धारित किए अनुसार, कुल कटौती ₹1, 50,000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए. मेच्योरिटी कॉर्पस का 60% तक टैक्स-फ्री रूप से निकाला जा सकता है. |
लाइफ इंश्योरेंस |
आपके लाइफ इंश्योरेंस प्लान के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स लाभ के योग्य हैं*. आप इस सेक्शन के तहत प्रति वर्ष ₹ 1, 50,000 की अधिकतम कटौती का क्लेम कर सकते हैं, जो इसमें उल्लिखित शर्तों के अधीन है. मेच्योरिटी लाभ पर छूट उन पॉलिसी के लिए उपलब्ध होती है, जहां किसी भी वर्ष में भुगतान किए गए प्रीमियम ₹5 लाख से कम होते हैं और ये डेथ सम इंश्योर्ड के 10% से अधिक नहीं होते हैं. आपके लाभार्थी या नॉमिनी को भुगतान किए गए डेथ बेनेफिट पर टैक्स नहीं लगता है. उन्हें बिना किसी टैक्स का भुगतान किए पूरा सम अश्योर्ड मिलेगा. |
आपको इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्ट करना कब शुरू करना चाहिए?
क्या आप इस प्रश्न से परेशान हैं - इन्वेस्टमेंट क्या है?
इन्वेस्टमेंट लगातार जारी रहने वाली एक जर्नी है न कि कोई निश्चित लक्ष्य है. यह एक ऐसी प्रोसेस है, जिसमें आप एक लक्ष्य को ध्यान में रख कर कई फाइनेंशियल निर्णय लेते हैं, रिटर्न कमाते हैं और अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को बिना अधिक जोखिम उठाए प्राप्त कर हैं. जब आप युवा होते हैं, तो उस समय इन्वेस्ट करना सबसे अच्छा होता है. हालांकि ऐसा करना तभी अच्छा है, जब आपने इन्वेस्ट करने से पहले अपने सभी कर्ज़ चुका दिए हों और आपने न्यूनतम इतना एमरजेंसी फंड बना लिया है, जो आपकी नौकरी जाने पर आपको कम से कम 3 महीने की इनकम के बराबर हो. अगर ऐसा है तो अभी तुरंत इन्वेस्ट कर सकते हैं, फिर भले ही आप 20 साल के हों, 30 साल के हों या फिर आपकी उम्र 50 साल हो. आप ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं और इन्वेस्टमेंट की राशि, समय अवधि, अपेक्षित रिटर्न दर और इन्वेस्टमेंट की फ्रीक्वेंसी जैसे कुछ आसान इनपुट के साथ अपने इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न के रूप में मिलने वाली राशि की गणना कर सकते हैं. अगर आप अपनी रिटायरमेंट आवश्यकताओं के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आप रिटायरमेंट कैलकुलेटर की मदद से आवश्यक कॉर्पस का मूल्यांकन कर सकते हैं और अगर आप अपनी पेंशन आवश्यकता का आकलन करना चाहते हैं, तो आप पेंशन कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं.
आपको सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान में क्यों इन्वेस्ट करना चाहिए?
इन्वेस्टमेंट, सेविंग के लिए आपके द्वारा किया गया प्रयास है, जिसका उद्देश्य अपनी संपत्ति में बढ़ोत्तरी करना और अतिरिक्त इनकम या लाभ प्राप्त करना है.
अपने जीवन के हर माइलस्टोन के साथ, आप यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके परिवार के सपने और आवश्यकताएं पूरी हों, आप छुट्टियों की योजना बनाते हैं और छुट्टियों पर जाते हैं, शादी करते हैं, अध्ययन करने के लिए विदेश जाते हैं, साथ ही किसी अप्रत्याशित घटना आदि के लिए तैयार रहते हैं. इसलिए, आपको अपनी बचत को प्लान करने और इन्वेस्ट करने की आवश्यकता होती है. यह प्लानिंग आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों पर निर्भर करती है. यह इन्वेस्टमेंट आपको उन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा और आपको पैसों से पैसे कमाने की सुविधा देगा, जिससे आप फाइनेंशियल स्वतंत्रता प्राप्त कर सकेंगे.
इन्वेस्टमेंट प्लान गाइड
अपने पसंदीदा फाइनेंशियल लक्ष्यों के आधार पर आप निम्नलिखित विकल्पों के बारे में जान सकते हैं:
इन्वेस्टमेंट प्लान खरीदने के लिए किन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है?
इनकम प्रूफ |
एड्रेस प्रूफ |
आयु प्रमाण |
आइडेंटिटी प्रूफ |
|
वेतनभोगी व्यक्ति |
स्व व्यवसायी |
वोटर ID |
PAN कार्ड |
आधार कार्ड |
फॉर्म 16 |
फॉर्म 26 AS |
आधार कार्ड |
PAN कार्ड |
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आपकी सेलरी क्रेडिट दिखाने वाला बैंक स्टेटमेंट. |
पिछले 2 वर्षों के IT रिटर्न, जो इनकम कंप्यूटेशन के साथ एक साथ फाइल नहीं किए गए हैं |
पासपोर्ट
|
वोटर ID |
|
पिछले 2 वर्षों के IT रिटर्न |
इनकम कंप्यूटेशन, अगर उपलब्ध नहीं है, तो ITR का वर्ष, जो एक साथ फाइल नहीं किए गए हैं |
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर जिसमें एड्रेस, आधार नंबर और नाम दिया गया हो. |
नगरपालिका से बना जन्म प्रमाणपत्र |
पासपोर्ट |
पिछले 2 वर्षों का P&L अकाउंट और CA द्वारा जारी बैलेंस शीट |
केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया कोई अन्य डॉक्यूमेंट. |
वोटर ID |
इन्वेस्टमेंट प्लान से जुड़े आम प्रश्न
1 सेविंग प्लान और इन्वेस्टमेंट प्लान में क्या अंतर है?
'सेविंग' और 'इन्वेस्टिंग' शब्दों का इस्तेमाल अक्सर एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है, लेकिन हमेशा इनका उपयोग सटीक नहीं होता. सेविंंग और इन्वेस्टमेंट, दो अलग-अलग प्रकार के फाइनेंशियल टूल हैं, जिनका उपयोग विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है.
सेविंग: इसका अर्थ है भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए थोड़े पैसे अलग से निकाल कर रखना. आमतौर पर इन पैसों को सेविंग अकाउंट में रखा जाता है, ताकि एमरज़ेंसी की स्थितियों में इनको आसानी से एक्सेस किया जा सके.
इन्वेस्टमेंट: दूसरी ओर, इन्वेस्टमेंट आपके पैसे को बढ़ाने में मदद करने के लिए बॉन्ड, स्टॉक, रियल एस्टेट या म्यूचुअल फंड जैसे एसेट खरीदने को दर्शाता है.
एक ओर जहां सेविंग प्लान आपको समय के साथ फंड बनाने में मदद करता है, वहीं इन्वेस्टमेंट प्लान आपको ऐसे माध्यम प्रदान करता है जिनकी मदद से आप अपने पैसों में वृद्धि कर सकते हैं.
2 मुझे इन्वेस्टमेंट प्लान क्यों चुनना चाहिए?
हम सभी अपने जीवन में कोई न कोई लक्ष्य रखते हैं. इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट प्लान होना बहुत आवश्यक है. आज के समय में, केवल कमाना और बचत करना ही पर्याप्त नहीं है. घर खरीदने या फाइनेंशियल रूप से सुरक्षित रिटायरमेंट प्राप्त करने के लिए, यह बहुत ज़रूरी है कि आप ऐसे इन्वेस्टमेंट माध्यम खोजें जो समय के साथ आपके पैसों में बढ़ोत्तरी कर सकें. याद रखें, इन्वेस्ट करने से पहले अपने लक्ष्यों को निर्धारित करना आवश्यक है, ताकि आप इन्वेस्टमेंट प्रोसेस को इनके अनुसार निर्धारित कर सकें.
3 मुझे शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान में से किसे चुनना चाहिए?
इसका जवाब मुख्य रूप से आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों पर निर्भर करेगा. हालांकि, आपके पोर्टफोलियो में शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म, दोनों प्रकार के इन्वेस्टमेंट का अच्छा मिश्रण होना बेहतर रहेगा. शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान आपको अपने शॉर्ट-टर्म के फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे, जैसे कि कार खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे बचाना, जबकि लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान आपको घर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे बचाने जैसे लॉन्ग-टर्म के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे. संक्षेप में कहें तो, लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान आमतौर पर पसंद किए जाते हैं, क्योंकि यह सुरक्षित इन्वेस्टमेंट टूल है, जिसे लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है.
4 मैं अपने इन्वेस्टमेंट से कितने पैसे निकाल सकता/सकती हूं?
इसके लिए कोई नियम निर्धारित नहीं है और लॉक-इन-पीरियड न होने पर आप समय-समय पर पैसे निकाल सकते हैं. आप एकमुश्त राशि निकाल सकते हैं या अपनी आवश्यकता के अनुसार राशि निकाल सकते हैं. हालांकि, अगर आपको किसी एमरज़ेंसी स्थिति या किसी विशेष लक्ष्य के लिए पैसों की बहुत अधिक आवश्यकता है, तो ही आपको पैसे निकालने चाहिए. अगर आपको लाभ होता है तो आप उन पैसों को दोबारा इन्वेस्ट कर सकते हैं. लेकिन ऐसा करने से पहले आपको इसमें लगने वाले शुल्कों और इसके टैक्स प्रभावों पर विचार कर लेना चाहिए.
5 उच्चतम रिफंड के साथ आने वाला सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट कौन सा है?
ऐसे बहुत से इन्वेस्टमेंट माध्यम हैं जो आपको अच्छे रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन अगर आप तय नहीं कर पा रहे हैं तो आपको सबसे पहले अपनी आवश्यकताओं और जोखिम लेने की क्षमता का आकलन करना होगा और उसके अनुसार अपने लिए सबसे उपयुक्त इन्वेस्टमेंट विकल्प चुनना होगा. भारतीय लोग आमतौर पर सरकार समर्थित इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें सुरक्षित माना जाता है लेकिन निम्नलिखित विकल्प भी आपको अच्छे रिटर्न दे सकते हैं
फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
गोल्ड
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
रिकरिंग डिपॉजिट (RD)
रियल एस्टेट
6 इन्वेस्टमेंट में 72 का नियम क्या है?
इन्वेस्टमेंट में 72 का नियम एक फॉर्मूला को दर्शाता है जिससे आपको यह पता लगता है कि आपका इन्वेस्टमेंट कितने समय में दोगुना हो जाएगा. सबसे पहले अपनी वार्षिक रिटर्न दर निर्धारित करें. 72 में अपनी रिटर्न दर का भाग दें, आपके इन्वेस्टमेंट को दोगुना होने में इतना ही समय लगेगा. उदाहरण के लिए, अगर आप 8% रिटर्न अर्जित करते हैं, तो आपका कॉर्पस नौ वर्षों में दोगुना हो जाएगा.
7 मैं अपना पैसा तेज़ी से कैसे बढ़ा सकता/सकती हूं?
बहुत से अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट तेज़ और उच्च रिटर्न देते हैं. हालांकि, उनमें आपका जोखिम भी बहुत अधिक होता है. तेज़ी से पैसा बनाने के आदर्श तरीके की पहचान करने के लिए उच्च जोखिम वाले और मध्यम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट विकल्पों के मिश्रण का मूल्यांकन करें.
8 सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट कौन सा है?
सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्प, इन्वेस्टर की जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करता है. कोई भी ऐसा इन्वेस्टमेंट सुरक्षित माना जाता है, जिसमें आपका पैसा धीरे-धीरे लगातार बढ़ता रहे. भविष्य के लिए कॉर्पस बनाते समय, आप अपनी जोखिम क्षमता का मूल्यांकन कर सकते हैं और न्यूनतम जोखिम वाले प्लान खोज सकते हैं.
9 क्या मुझे गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए?
गोल्ड एक बेहतरीन निवेश माध्यम है, जो आपके पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करता है और इसे मुद्रास्फीति के खिलाफ हेजिंग प्रदान करता है. हालांकि, आपको कोई भी इन्वेस्टमेंट करने से पहले अपनी फाइनेंशियल ज़रूरतों को समझना चाहिए.
10 क्या इन्वेस्टमेंट पर 10% रिटर्न संभव है?
हां, कुछ इन्वेस्टमेंट विकल्प 10% रिटर्न प्रदान करते हैं. फिर भी, याद रखें कि फंड का पिछला प्रदर्शन इस बात की गारंटी नहीं है कि यह भविष्य में भी अपने प्रदर्शन को दोहराएगा. इन्वेस्ट करने से पहले संभावित लाभ और जोखिमों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें. या आप इसे बेहतर समझने के लिए एक्सपर्ट से परामर्श कर सकते हैं.
11 आप पांच वर्षों में अपना इन्वेस्टमेंट कैसे दोगुना कर सकते हैं?
उदाहरण के लिए, अगर आपका इन्वेस्टमेंट प्लान कम से कम 15% रिटर्न प्रदान कर रहा है, तो आप पांच वर्षों में अपने इन्वेस्टमेंट को दोगुना कर सकेंगे. इन्वेस्ट करने से पहले सभी विकल्पों पर विचार कर लें और एक ऐसे प्लान में इन्वेस्ट करें जो स्थिर रिटर्न प्रदान करते हुए आपके जोखिम को मैनेज करे. हालांकि, रिटर्न उस कमोडिटी के प्रदर्शन पर भी निर्भर करता है जिसमें पैसे इन्वेस्ट किए जाते हैं.
12 इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सा प्लान सबसे अच्छा है?
बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान वह है जो आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुरूप हो. साथ ही, यह भी ज़रूरी है कि वह आपकी जोखिम सहनशीलता और समय सीमा, दोनों से मेल खाता हो. विभिन्न इन्वेस्टमेंट साधनों का अपना मिश्रण चुनने से पहले फाइनेंशियल सलाहकार से परामर्श करें.
13 15 * 15 * 30 नियम क्या है?
15 * 15 * 30 नियम यह कहता है कि आप अपनी आय का 15% शॉर्ट-टर्म सेविंग में लगाएं, 15% लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट में लगाएं और 30% दैनिक जीवन के खर्चों के लिए रखें. इससे आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग में संतुलन बनाने में मदद मिलती है.
14 कौन सा इन्वेस्टमेंट सबसे अधिक रिटर्न देता है?
स्टॉक, रियल एस्टेट और म्यूचुअल फंड हमेशा से हाई रिटर्न वाले इन्वेस्टमेंट रहे हैं. हालांकि, निर्णय लेने से पहले अपनी जोखिम सहनशीलता और इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों पर विचार करना महत्वपूर्ण है.
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1.बशर्ते सभी देय प्रीमियम का भुगतान किया गया है और पॉलिसी लागू है.
2.पॉलिसी की अवधि चुनने पर मान्य, जैसे (100 - प्रवेश के समय उम्र) वर्ष.
3.यह इनकम वेरिएंट पर लागू होता है, जिसके द्वारा पॉलिसी अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति के जीवित रहने पर गारंटीड इनकम का भुगतान किया जाता है, बशर्ते प्रीमियम भुगतान अवधि के दौरान सभी देय प्रीमियम का भुगतान किया गया हो
4. एक्स्ट्रा लाइफ विकल्प के तहत दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर अतिरिक्त सम अश्योर्ड का भुगतान किया जाता है.
5. प्रवेश की आयु, प्रीमियम भुगतान अवधि और पॉलिसी अवधि के आधार पर 100x तक का सम अश्योर्ड.
8. सुनिश्चित मेच्योरिटी लाभ केवल पॉलिसी मेच्योरिटी पर ही भुगतान किया जाएगा, बशर्ते सभी देय प्रीमियम का भुगतान किया गया हो और यह मृत्यु या सरेंडर पर लागू नहीं होगा.
* इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत निर्दिष्ट शर्तों के अधीन. # इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के 10 (10D) के तहत निर्धारित शर्तों के अधीन. यूनिट लिंक्ड बीमा प्रॉडक्ट कॉन्ट्रैक्ट के पहले पांच वर्षों के दौरान कोई लिक्विडिटी प्रदान नहीं करते हैं. पॉलिसीधारक, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट में इन्वेस्ट की गई राशि को पांचवें वर्ष के अंत तक पूरी तरह से या आंशिक रूप से नहीं निकाल पाएंगे या पॉलिसी को सरेंडर नहीं कर पाएंगे. एच डी एफ सी लाइफ संचय प्लस (UIN: 101N134V22) एक नॉन-पार्टिसिपेटिंग, नॉन-लिंक्ड सेविंग इंश्योरेंस प्लान है. एच डी एफ सी लाइफ संचय फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान (UIN:101N142V04) एक नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, इंडिविजुअल, सेविंग, जीवन बीमा प्लान है. इस प्रोडक्ट में जीवन बीमा कवरेज उपलब्ध है. एच डी एफ सी लाइफ स्मार्ट प्रोटेक्ट प्लान (UIN: 101L175V02) एक यूनिट लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग इंडिविजुअल जीवन बीमा प्रोडक्ट है. एच डी एफ सी लाइफ संपूर्ण निवेश (UIN नंबर: 101L103V03) एक यूनिट लिंक्ड नॉन पार्टिसिपेटिंग जीवन बीमा प्लान है. इस प्रोडक्ट में जीवन बीमा कवरेज उपलब्ध है, एच डी एफ सी लाइफ क्लिक 2 वेल्थ (UIN:101L133V03) एक यूनिट लिंक्ड नॉन-पार्टिसिपेटिंग इंडिविजुअल जीवन बीमा प्लान है. यूनिट लिंक्ड लाइफ इंश्योरेंस प्रॉडक्ट, आम बीमा प्रॉडक्ट से अलग होते हैं और जोखिम कारकों के अधीन होते हैं. यूनिट लिंक्ड लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में भुगतान किए गए प्रीमियम, कैपिटल मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट जोखिमों के अधीन हैं और यूनिट की NAV, फंड के प्रदर्शन और कैपिटल मार्केट को प्रभावित करने वाले कारकों के आधार पर ऊपर या नीचे जा सकती है और बीमित व्यक्ति अपने निर्णयों के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा. एच डी एफ सी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड केवल बीमा कंपनी का नाम है, कंपनी का नाम, कॉन्ट्रैक्ट का नाम किसी भी तरह से कॉन्ट्रैक्ट की क्वालिटी, उसकी भविष्य की संभावनाओं या रिटर्न को नहीं दर्शाता है. कृपया अपने बीमा एजेंट से या जिनसे भी आप बीमा ले रहे हैं, उनसे या बीमा प्रदाता के पॉलिसी डॉक्यूमेंट के माध्यम से, संबंधित जोखिम और लागू होने वाले शुल्कों के बारे में जान लें. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत ऑफर किए जाने वाले अलग-अलग फंड केवल फंड के नाम हैं और ये किसी भी तरह इन प्लान की गुणवत्ता और भविष्य में उनके प्रॉस्पेक्ट और रिटर्न को नहीं दर्शाते हैं.
18. अगर आप एक सामान्य व्यक्ति हैं, 30% के इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं, आपकी टैक्स योग्य आय रु. 50 लाख से कम है, और आप पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनते हैं, तो आप रु.1.5 लाख प्रति वर्ष के इंश्योरेंस प्रीमियम पर, टैक्स पर 46,800 की बचत कर सकते हैं.
#टैक्स लाभ और छूट इनकम टैक्स एक्ट, 1961 और इसके प्रावधानों की शर्तों के अधीन हैं.
#टैक्स कानून समय-समय पर बदल सकते हैं.
#कस्टमर से अनुरोध है कि वह इनकम टैक्स कानून के तहत आने वाली अपनी पर्सनल टैक्स देयताओं के संबंध में अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से या पर्सनल टैक्स सलाहकार से टैक्स सलाह लें.
19. ULIP प्लान में, इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इन्वेस्टमेंट जोखिम पॉलिसीधारक द्वारा वहन किए जाते हैं. @17.29% प्रति वर्ष. रिटर्न की %दर. दिखाया गया रिटर्न डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड की फंड परफॉर्मेंस के लिए है (पिछले 5 वर्षों के लिए). कृपया ध्यान दें कि फंड की पिछली परफॉर्मेंस, आने वाले भविष्य की परफॉर्मेंस का संकेत नहीं है. इस योजना में जीवन बीमा उपलब्ध है. शर्तें लागू.
ARN - ED/03/24/9993-HI