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इन्वेस्टमेंट प्लान

इन्वेस्टमेंट प्लान फाइनेंशियल प्रोडक्ट हैं, जो भविष्य के लिए धन बनाने का अवसर प्रदान करते हैं. सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान के तहत ...अधिक पढ़ें

अपनी ज़रूरतों के अनुसार एच डी एफ सी लाइफ के विभिन्न इन्वेस्टमेंट प्लान देखें:

एच डी एफ सी लाइफ के इन्वेस्टमेंट प्लान के साथ आप अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुसार मार्केट लिंक्ड रिटर्न या गारंटीड 1 रिटर्न का विकल्प चुन सकते हैं -

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Francis Rodrigues फ्रांसिस रॉड्रिगेस

फ्रांसिस रॉड्रिगेस के पास इंश्योरेंस क्षेत्र में एक दशक का लंबा अनुभव है, और वे एच डी एफ सी लाइफ में SVP, ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग की भूमिका में ऑनलाइन सेल्स चैनल के साथ-साथ डिजिटल और परफॉर्मेंस मार्केटिंग का प्रबंधन करते हैं. 2 दशकों के करियर में उन्हें शुरुआत से सेल्स चैनल और फंक्शनल टीम स्थापित करने का अच्छा खासा अनुभव रहा है.

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Vishal Subharwal विशाल सुभरवाल

विशाल सुभरवाल एच डी एफ सी लाइफ में स्ट्रेटजी, मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, डिजिटल बिज़नेस और स्थिरता वाले पहलों का नेतृत्व करते हैं. वे पूरे संगठन के लिए स्ट्रेटजी बनाने और इसका सफल कार्यान्वन सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार हैं.

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इन्वेस्टमेंट प्लान क्या होता है?

What is an Investment Plan?

इनवेस्टमेंट प्लान आपके लिए फाइनेंशियल रोडमैप की तरह होता है, जिसे आपके पैसे को योजनाबद्ध ढंग से इन्वेस्ट करके विकास प्राप्त करने में आपकी मदद करने के लिए तैयार किया जाता है. सबसे अच्‍छे इन्वेस्टमेंट प्लान रिटायरमेंट के लिए सेविंग, शिक्षा के लिए फंड या धन संचय जैसे स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने के साथ शुरू होते हैं,. आपको अपने इनवेस्टमेंट के लिए समय-सीमा का भी निर्धारण करना होगा, जिससे पैसे की आवश्यकता होने पर आपको सही विकल्पों को चुनने में मदद मिलेगी. अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को समझना बहुत ही आवश्यक है ; इसका प्रभाव इस बात पर पड़ता है कि कौन से स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड या रियल एस्टेट जैसे इन्वेस्टमेंट आपके लिए सही हो सकते हैं.

अपने इन्वेस्टमेंट प्लान को असरदार बनाने के लिए, अलग-अलग एसेट्स में इन्वेस्ट करें और समय-समय पर अपने प्लान का मूल्यांकन भी करते रहें. ऐसा करके आप न सिर्फ जोखिमों पर जीत हासिल कर सकते हैं, बल्कि अपनी रणनीतियों को फाइनेंशियल मार्केट की लगातार बदलती प्रकृति के अनुसार भी बना सकते हैं, इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि आपके इन्वेस्टमेंट प्लान का संपूर्ण उद्देश्य आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करना ही रहेगा.

चुनने के लिए 25 इन्वेस्टमेंट प्लान

नीचे दिए गए कुछ इन्वेस्टमेंट विकल्प हैं जिनसे आप अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुसार अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुन सकते हैं -

1

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

PPF (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) एक रिटायरमेंट इन्वेस्टमेंट विकल्प है, जो न्यूनतम जोखिम के साथ उच्च लाभ प्रदान करता है. इसमें आप वार्षिक रूप से ₹1.5 लाख तक का इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं, जो रिटायरमेंट जैसे लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों के लिए व्यवस्थित रूप से बचत करने में आपकी मदद करता है. PPF अकाउंट भारतीय नागरिकों द्वारा बैंकों या पोस्ट ऑफिसों में खोले जा सकते हैं. इसके अलावा, PPF इनकम टैक्स एक्ट, 1961, और 80C के तहत कटौती के माध्यम से टैक्स लाभ प्रदान करता है, जो इसे आकर्षक और कम जोखिम वाला इन्वेस्टमेंट प्लान बनाता है.

2

म्यूचुअल फंड

Mutual fund dealers make it easy for you to compare various funds based on risk, return, and price. This accessible information helps you make informed decisions. Mutual funds also provide the advantages of liquidity and expert management. Investing in an ELSS can offer tax benefits under section 80C. Remember to consider the impact of mutual fund fees on your returns.

3

डायरेक्ट इक्विटी

डायरेक्ट प्लान में आप कमीशन और मार्केटिंग पर होने वाले खर्च से बच जाते हैं. इस स्कीम में छोटी राशि का इन्वेस्ट किया जाता है, जो आपको लंबे समय में अतिरिक्त रिटर्न देने में मदद कर सकते हैं.

4

रियल एस्टेट निवेश

भारत में रियल एस्टेट सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करना सबसे अच्छा और लाभदायक है, क्योंकि इसमें विकास की संभावनाएं बहुत हैं और इसका मार्केट बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है.

5

गोल्ड में निवेश

गोल्ड में निवेश करके आप अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं और इसे मार्केट के उतार चढ़ाव से बचा सकते हैं. यह इन्वेस्टमेंट महंगाई की दर से अधिक रिटर्न देता है, जिससे यह एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है. गोल्ड में इन्वेस्ट करने के लिए आपको मार्केट की जानकारी की ज़रूरत नहीं होती, जिससे हर व्यक्ति के लिए भविष्य के लिए पैसे बचाना आसान हो जाता है. अंत में, गोल्ड इन्वेस्टमेंट में उच्च लिक्विडिटी होती है, जो फाइनेंशियल एमरजेंसी के दौरान उपयोगी साबित होती है.

6

पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम

पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम सरकारी इन्वेस्टमेंट स्कीम है. यह आकर्षक ब्याज दरों पर बहुत से सेविंग और डिपॉजिट विकल्प प्रदान करती है, और आपको भविष्य के लिए एक बड़ा कॉर्पस बनाने में मदद करती है. ये इन्वेस्टमेंट गारंटीड रिटर्न प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें कम जोखिम वाला इन्वेस्टमेंट विकल्प मिलता है.

7

कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)

नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां और RBI से लाइसेंस प्राप्त अन्य फाइनेंशियल संस्थान विभिन्न कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट ऑफर करते हैं. इन्वेस्टर्स को पूरी अवधि के दौरान फिक्स ब्याज दर मिलती है और वे स्थिर रिटर्न प्राप्त कर पाते हैं.

8

इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPO)

IPO, स्टॉक मार्केट के जरिए जनता को सिक्योरिटीज़ बेचने की सुविधा देता है. इस प्रकार के इन्वेस्टमेंट में ग्रोथ की संभावनाएं बहुत अधिक होती है और ये लंबी अवधि में बहुत अच्छे रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि, इनमें जोखिम भी बहुत अधिक होता है और अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो आपका पैसा डूब भी सकता है.

9

ULIP (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान)

ULIP (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) एक प्रकार का फाइनेंशियल टूल है जो इन्वेस्टमेंट के साथ ही लाइफ इंश्योरेंस का विकल्प भी प्रदान करता है. यह आपको अपनी जोखिम वरीयता के आधार पर इक्विटी, डेट या बैलेंस्ड फंड में निवेश करने की सुविधा देता है. ULIP, 10 से 15 वर्षों में आपके पैसे को बढ़ाने के लिए बनाए गए लॉन्ग-टर्म प्लान हैं. ये सिस्टमेटिक निकासी, वेल्थ बूस्टर, टैक्स लाभ और फ्री फंड स्विच जैसे लाभ प्रदान करते हैं, जो इन्हें आपके इन्वेस्टमेंट लक्ष्यों के लिए एक बहुमुखी विकल्प बना देता है.

10

बॉन्ड्स

बॉन्ड कम जोखिम और निश्चित आय वाली सिक्योरिटीज़ होते हैं, जो इन्वेस्टर्स को एक स्थिर आय प्रदान करते हैं. इनकी मदद से इन्वेस्टर्स अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं और उच्च जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट को बैलेंस कर सकते हैं. कई सरकारी बॉन्ड मुद्रास्फीति-समायोजित रिटर्न प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें भविष्य के लिए एक स्थिर इन्वेस्टमेंट के रूप में काम में लिया जा सकता है.

11

बैंक FD

बैंक फिक्स डिपॉज़िट भारत में अत्यंत लोकप्रिय हैं. संचयी/गैर-संचयी विकल्पों के साथ, बैंक FD इन्वेस्टमेंट अवधि पर फिक्स्ड रिटर्न प्रदान करते हैं और बैंक की पॉलिसी के आधार पर मासिक, वार्षिक या द्वि-वार्षिक आधार पर रिटर्न देय होते हैं.

12

सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम (एससीएसएस)

SCSS एक सरकारी स्कीम है, जो विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक उम्र के इन्वेस्टर्स के लिए बनी है. यह एक स्थिर आय का विकल्प और टैक्स लाभ प्रदान करती है, जिससे यह कम जोखिम वाला विकल्प बन जाती है. आमतौर पर, SCSS में दूसरे विकल्पों के मुकाबले बेहतर ब्याज दर मिलती है, जिससे यह सीनियर सिटिज़न के लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट विकल्प बन जाती है.

13

RBI टैक्सेबल बॉन्ड

भारत सरकार विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाने के उद्देश्य से समय-समय पर RBI टैक्सेबल बॉन्ड जारी करती है. ये बॉन्ड सुरक्षित होते हैं और एक निश्चित अवधि के बाद निश्चित रिटर्न देते हैं. इनसे इन्वेस्टर्स को रिटर्न तो मिलता ही है, साथ ही उनकी कैपिटल भी सुरक्षित रहती है.

14

राष्ट्रीय पेंशन योजना

यह भारत के सभी क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा चलाया जाने वाला पेंशन प्रोडक्ट है और इसमें इक्विटी डेट, कॉर्पोरेट डेट और सरकारी बॉन्ड के आधार पर प्लान प्रदान किए जाते हैं. NPS में एक वर्ष में कम से कम ₹6,000 का जमा करना आवश्यक है, जबकि जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.

एच डी एफ सी लाइफ आपके फाइनेंस को सुरक्षित करने के लिए व एक मजबूत फाइनेंशियल आधार तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए सेविंग और इन्वेस्टमेंट प्लान प्रदान करता है.

15

लाइफ इंश्योरेंस

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी बचत या इन्वेस्टमेंट घटक के साथ-साथ लाइफ इंश्योरेंस कवरेज प्रदान करती है. सेविंग प्लान या रिटायरमेंट प्लान जैसी पॉलिसी वर्तमान में आपके परिवार की सुरक्षा करते हुए भविष्य के लिए आपके पैसों को बढ़ाने के तरीके प्रदान करती हैं. यदि पॉलिसी अवधि के दौरान इन्वेस्टर की मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी को बीमा राशि का भुगतान प्राप्त होता है. जीवित रहने पर, पॉलिसीधारक को मेच्योरिटी लाभ मिलता है.

16

राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली फिक्स्ड-इनकम इन्वेस्टमेंट स्कीम द्वारा समर्थित एक सेविंग विकल्प है. आप इस फाइनेंशियल टूल से गारंटीड रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

17

इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)

ये म्यूचुअल फंड हैं और वे विभिन्न कंपनियों के इक्विटी शेयरों में इन्वेस्ट करते हैं. अगर आप ELSS टैक्स सेवर फंड में इन्वेस्ट करते हैं, तो आप इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं.

18

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी और सरकार द्वारा समर्थित प्रतिभूतियां हैं. इनका मूल्य-वर्ग ‘सोने के ग्राम’ के हिसाब से तय होता है. वे सच में सोना स्टोर किए बिना सोने में इन्वेस्ट करने का एक सुरक्षित और किफायती तरीका हैं. फिक्स्ड ब्याज दरों और 8 वर्षों की मेच्योरिटी अवधि के साथ आने वाले SGB, न केवल इन्वेस्टर की पूंजी का मूल्य बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें तय अंतराल पर ब्याज आय भी देते हैं.

19

मंथली इनकम प्लान (MIP)

मंथली इनकम प्लान (MIP) ऐसे इन्वेस्टमेंट विकल्प हैं जिनका उद्देश्य इन्वेस्टर को नियमित आय देना है. इन प्लान में डेट (कर्ज) और ईक्विटी (शेयर) में पैसे लगाकर आय सृजन और पूंजी मूल्यवर्धन के बीच संतुलन हासिल किया जाता है. इन्वेस्टर को तय अंतराल पर भुगतान मिलता है, यानी ये प्लान मध्यम स्तर के जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न चाहने वालों के लिए उपयुक्त हैं.

20

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक रिटायरमेंट बेनिफिट प्रोग्राम है, जिसमें नियोक्ता और कर्मचारी, दोनों कर्मचारी की सेलरी का 12% योगदान देते हैं.

21

अटल पेंशन योजना (एपीवाई)

अटल पेंशन योजना (APY), असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे भारतीयों के लिए पेंशन स्कीम है. इस स्कीम के तहत, सब्सक्राइबर को उनके द्वारा किए गए योगदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु में प्रति माह ₹ 1,000/- या 2,000/- या 3,000/- या 4,000 या 5,000/- की गारंटीड न्यूनतम पेंशन मिलती है.

22

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा डिज़ाइन की गई एक इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसका उद्देश्य भारत में बालिकाओं की खुशहाली है. इसे माता-पिता को अपनी बालिका के उच्च शिक्षा और अन्य खर्चों के लिए धन बनाने में मदद करने के लिए शुरू किया गया है.

23

रिकरिंग डिपॉजिट

रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) बैंकों द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक प्रकार का टर्म डिपॉज़िट है जहां जमाकर्ता नियमित रूप से एक निश्चित अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करता है. इस अवधि के अंत में, जमाकर्ता संचित ब्याज के साथ मूल राशि प्राप्त करता है. RD सेविंग अकाउंट की तुलना में बेहतर ब्याज दर प्रदान करते हैं और पैसे बचाने के लिए अनुशासित प्रक्रिया प्रदान करते हैं. वे ऐसे लोगों के लिए उपयुक्त हैं जो नियमित रूप से एक निश्चित राशि बचाना चाहते हैं और सेविंग अकाउंट की तुलना में बेहतर रिटर्न कमाना चाहते हैं.

24

कॉर्पोरेट बॉन्ड

कॉर्पोरेट बॉन्ड विभिन्न उद्देश्यों के लिए पूंजी जुटाने के लिए कंपनियों द्वारा जारी की गई डेट सिक्योरिटीज़ होती हैं. वे सरकारी बॉन्ड की तुलना में संभावित रूप से अधिक लाभ प्रदान करते हैं, जिससे वे अधिक आय चाहने वाले इन्‍वेस्‍टर्स के लिए आकर्षक बन जाते हैं. इन बॉन्ड की एक निश्चित ब्याज दर और मेच्योरिटी तिथि होती है, जो पहले से अनुमानित आय स्रोत प्रदान करती हैं. उनमें सरकारी बॉन्ड की तुलना में अधिक जोखिम होता है, क्योंकि उनकी सुरक्षा उन्‍हें जारी करने वाली कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति पर निर्भर करती है.

25

REIT (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट)

REIT ऐसी कंपनियां हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में आय जनरेट करने वाले रियल एस्टेट पर स्‍वामित्‍व रखती हैं, उनका संचालन या उन्‍हें फाइनेंस करती हैं. ये सीधे प्रॉपर्टी का मालिक बनने की आवश्यकता के बिना रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती हैं. REIT को अपनी टैक्स योग्य आय का एक बड़ा हिस्सा डिविडेंड के रूप में शेयरधारकों को वितरित करना होता है, जिससे ये अधिक आय चाहने वाले इन्‍वेस्‍टर्स के लिए आकर्षक बन जाती हैं. ये पोर्टफोलियो विविधीकरण, पूंजी में वृद्धि की संभावना और मुद्रास्फीति से बचाव प्रदान करती हैं. सबसे अच्‍छे इन्वेस्टमेंट प्लान में, REIT सार्वजनिक रूप से ट्रेड होने वाले स्टॉक की लिक्विडिटी के साथ रियल एस्टेट मार्केट में एक्सपोज़र प्रदान कर सकती हैं, जो उन्हें एक बहुमुखी इन्वेस्टमेंट विकल्प बनाता है.

आप सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान कैसे चुनते हैं?

सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान चुनते समय ध्यान में रखने लायक कुछ ज़रूरी बातें इस प्रकार हैं:

1

अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को समझें

इन्वेस्टमेंट प्लान चुनने से पहले, आपके छोटी और लंबी अवधि के लक्ष्यों सहित अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों की पहचान करना आवश्यक है, जिनमें घर खरीदना, शिक्षा के लिए पैसों का बंदोबस्त या रिटायरमेंट शामिल हो सकता है.

2

अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन करें

यह मूल्यांकन करें कि आप जोखिम के साथ कितने सहज हैं. ऐसा इन्वेस्टमेंट प्लान चुनें जो आपकी जोखिम क्षमता के अनुसार मार्केट से जुड़ें उतार-चढ़ावों से प्रभावित हो.

3

अपनी समय सीमा पर विचार करें

तय करें कि आप कितने समय तक इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं. ध्यान रखें कि समय सीमा लंबी हो तो आप अधिक जोखिम वाली रणनीतियां आज़मा सकते हैं. लेकिन अगर आपके लक्ष्य छोटी अवधि के हैं तो कम जोखिम वाला तरीका अपनाना बेहतर है.

4

कार का मॉडल चुनें

अपने वि‍विध प्‍लान पर निर्णय लेने से पहले अपने विशिष्ट लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता के अनुरूप सबसे बेहतर इन्वेस्टमेंट प्लान खोजने के लिए विभिन्न इन्वेस्टमेंट प्लान के पिछले परफॉर्मेंस की तुलना करें, रिव्यू करें, फीडबैक लें और उनकी जानकारी जुटाएं.

5

विविधता

जोखिम घटाने और बेहतर रिटर्न पाने के लिए स्टॉक, बॉन्ड और रियल एस्टेट जैसे विभिन्न एसेट वर्गों से इन्वेस्टमेंट के साधन चुनना बेस्ट रहता है.

6

प्रोफेशनल मार्गदर्शन

सर्वोत्तम इन्वेस्टमेंट प्लान की तलाश करते समय फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह की बराबरी कोई नहीं कर सकता. वे सर्वोत्तम रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए खास आपकी फाइनेंशियल ज़रूरतों और स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त सलाह देते हैं.

7

लागत और शुल्क

जान लें कि सभी इन्वेस्टमेंट प्लान के साथ कुछ फीस और शुल्क जुड़े होते हैं. उनसे रिटर्न पर असर पड़ता है, इसलिए इन्वेस्ट करने से पहले उन्हें ठीक से समझ लें.

8

अपने इन्वेस्टमेंट को नियमित रूप से मॉनीटर और एडजस्ट करें

अपने इन्वेस्टमेंट की प्रगति में शामिल रहना महत्वपूर्ण है. समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करके यह सुनिश्चित करने के लिए उसे एडजस्ट करें कि वह आपके बदलते-बढ़ते फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुरूप बना रहे.


याद रखें, इन्वेस्टमेंट प्लान चुनते समय आपको पता होना चाहिए कि आपके फाइनेंशियल उद्देश्य क्या हैं, आप ज़रूरत पड़ने पर कितनी जल्दी पैसे हाथ में पाना चाहते हैं, आपके पास इन्वेस्टमेंट के लिए कितना समय है और आप कितना जोखिम उठा सकते हैं.

इन्वेस्टमेंट प्लान के लाभ

इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं. जब अपने लिए सबसे अच्‍छा इन्वेस्टमेंट प्लान चुनने की बात आती है, तो आपको अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों और आकांक्षाओं की तुलना में किसी खास इन्वेस्टमेंट प्लान के लाभों का आकलन करना चा‍हिए. सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान के कुछ सामान्य लाभ नीचे दिए गए हैं:

Wealth Accumulation with Investment Plans

धन संचय

हर इन्वेस्टमेंट का पहला लक्ष्य भविष्य के लिए पैसे बनाना और बचाना है. PPF और FD में पैसे समय के साथ निरंतर बढ़ते रहते हैं. वन टाइम इन्वेस्टमेंट प्लान (जैसे PPF और FD) बिना किसी बड़े जोखिम के आपको पैसों को बढ़ाने में मदद कर सकता है.

Meeting Financial Goals with Investment Plans

फाइनेंशियल लक्ष्यों को पाना

ULIP, NPS और रिटायरमेंट प्लान जैसे इन्वेस्टमेंट प्लान कुछ सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान हैं, जो आपको विशिष्ट फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पैसा बनाने में सक्षम बनाते हैं.

Beating Inflation with Investment Plans

मुद्रास्फीति से मुकाबला

गोल्ड, रियल एस्टेट और इन्फ्लेशन-एडजस्टेड बॉन्ड में इन्वेस्टमेंट आपको वेल्थ बनाने में मदद करते हैं ताकि मुद्रास्फीति आपके जीवनयापन के स्तर को प्रभावित न करे.

Earn Passive Income with Investment Plans

पैसिव इनकम कमाएं

आप अच्छी तरह से चुने गए इन्वेस्टमेंट प्लान के माध्यम से अपनी बचत को विभिन्न इन्वेस्टमेंट माध्यमों में इन्वेस्ट कर सकते हैं, ताकि आपको वेतन के अलावा पैसिव आय भी मिलती रहे. पैसिव आय स्ट्रीम आपको भविष्य के लिए फाइनेंशियल सेफ्टी नेट बनाने में मदद करती है. अपने इन्वेस्टमेंट को अनुकूलित करने के लिए और संभावित रिटर्न के बारे में समझने के लिए, ULIP कैलकुलेटर का उपयोग करें, यह एक उपयोगी टूल साबित हो सकता है.

Tax  Benefit with Investment Plans

टैक्स लाभ

ULIPs, PPFs, NPS, टैक्सेबल बॉन्ड और मनी बैक पॉलिसी सहित कई इन्वेस्टमेंट विकल्प, इन्वेस्टर को टैक्स लाभ प्रदान करते हैं. इन्वेस्टर्स, इन्वेस्ट की गई राशि पर कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं और अपनी कुल टैक्स देयता कम कर सकते हैं. इसके अलावा, कुछ मेच्योरिटी रिटर्न और लाइफ इंश्योरेंस भुगतान भी टैक्स-फ्री होते हैं.

Financial Independence

फाइनेंशियल स्वतंत्रता

इन्वेस्टमेंट आपको भविष्य के लिए पैसा जमा करने में मदद करते हैं, जिसकी मदद से आप रिटायरमेंट के बाद के वर्षों में भी फाइनेंशियल रूप से स्वतंत्र रह सकते हैं. सबसे अच्छे इन्वेस्टमेंट विकल्प आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुसार फाइनेंशियल स्वतंत्रता प्राप्त करने में आपकी मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.

Looking After Loved Ones

प्रियजनों की देखभाल

जीवन बीमा पॉलिसी या जीवन बीमा प्रदान करने वाले प्लान में इन्वेस्टमेंट करने से आपके न रहने पर भी आपके प्रियजनों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है. लाइफ कवरेज वाला इन्वेस्टमेंट प्लान आपके लाभार्थी को भुगतान प्रदान करता है, जिससे उन्हें कर्ज़ चुकाने, अपने जीवन स्तर को बनाए रखने या भविष्य के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सकती है.

एचडीएफसी लाइफ के इन्वेस्टमेंट प्लान

हम आपकी खास फाइनेंशियल ज़रूरतों को पूरा करने वाले सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान खोजने में आपकी मदद कर सकते हैं.

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    UIN: 101N134V22

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आपके लिए एच डी एफ सी लाइफ का कौन सा ULIP प्लान सबसे सही है?

एच डी एफ सी लाइफ में, हमारे पास कई ULIP प्लान उपलब्ध हैं, इसलिए आप वह प्लान चुन सकते हैं जो आपकी फाइनेंशियल आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त है. हमारे द्वारा सुझाए गए सर्वश्रेष्ठ समाधान, जो आपके लिए उपयुक्त हैं

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    एच डी एफ सी लाइफ स्मार्ट प्रोटेक्ट प्लान

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    एक ऐसा प्लान जो आपकी लॉन्ग-टर्म सेविंग की ज़रूरतों को पूरा करता है और लाइफ कवर के रूप में आपको सुरक्षा भी प्रदान करता है

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    • पूंजी गारंटी के रूप में न्यूनतम 8 अश्योर्ड बेनिफिट पाएं
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    • सम अश्योर्ड में अपने प्रीमियम का 100 गुणा 5 तक पाएं
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    • 4 प्रकार के लॉयल्टी एडिशन के साथ अपने फंड की वैल्यू को बढ़ाएं
    ULIP प्लान
  • ULIP प्लान में, इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इन्वेस्टमेंट जोखिम पॉलिसीधारक द्वारा वहन किए जाते हैं

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    • अपने इन्वेस्टमेंट रिटर्न को अधिकतम करने के लिए 10 फंड में से चुनें
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  • ULIP प्लान में, इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इन्वेस्टमेंट जोखिम पॉलिसीधारक द्वारा वहन किए जाते हैं

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    ULIP प्लान

विशेषज्ञों से जानें

Vishal Subharwal

विशाल सुभरवाल

चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और ग्रुप हेड

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इन्वेस्टमेंट प्लान के साथ टैक्स लाभ 

वर्तमान टैक्स कानूनों के अनुसार, हर इन्वेस्टमेंट माध्यम पर अलग-अलग तरीके से टैक्स लागू होता है. नीचे दी गई टेबल संबंधित इन्वेस्टमेंट प्लान के लिए उपलब्ध टैक्स लाभ प्रदर्शित करती है -

 

इन्वेस्टमेंट का प्रकार

टैक्स लाभ

PPF

इन्वेस्ट की गई राशि इनकम टैक्स एक्ट,1961 के सेक्शन 80C के तहत कटौती योग्य है, जो ₹1,50,000/- की लिमिट के अधीन है जिसमें अन्य मदों में हुई कटौतियां भी शामिल हैं. एक्ट की धारा 10 के तहत, प्राप्त मेच्योरिटी और ब्याज राशि भी टैक्स-फ्री होती है

म्यूचुअल फंड


म्यूचुअल फंड में विभिन्न फंड जैसे इक्विटी, डेट या हाइब्रिड में इन्वेस्ट की गई यूनिट शामिल हैं. 

इक्विटी-लिंक्ड म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्टमेंट, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र है.

डायरेक्ट इक्विटी

इन्वेस्टमेंट टैक्स कटौती के लिए पात्र नहीं है और प्राप्त आय पूरी तरह से टैक्सेबल होती है. 

रियल एस्टेट निवेश

ये इन्वेस्टमेंट पूरी तरह से टैक्सेबल हैं, चाहे इन्वेस्टमेंट शॉर्ट टर्म हो या लॉन्ग टर्म.

गोल्ड इन्वेस्टमेंट

गोल्ड में इन्वेस्टमेंट पर टैक्स लगता है. टैक्स का निर्धारण इन्वेस्टमेंट के शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म होने के आधार पर होता है.

पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट

पांच वर्ष के डिपॉजिट में इन्वेस्टमेंट, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र हैं. 

कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट

फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है.

IPO

IPO में इन्वेस्टमेंट पर टैक्स कटौती का लाभ नहीं मिलता तथा इससे होने वाली आय को कैपिटल गेन माना जाता है, जिस पर टैक्स लगता है.

यूएलआईपी

आप ULIP के लिए जिस प्रीमियम का भुगतान करते हैं, वह इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स लाभ के योग्य हैं. आप इस सेक्शन के तहत प्रति वर्ष ₹ 1, 50,000 की अधिकतम कटौती का क्लेम कर सकते हैं, जो इसमें उल्लिखित शर्तों के अधीन है. 

अगर किसी भी वर्ष में भुगतान किया गया प्रीमियम ₹ 2,50,000 से अधिक नहीं है और यह डेथ सम इंश्योर्ड के 10% से अधिक नहीं है, तो ULIP प्लान पर मेच्योरिटी प्राप्तियों पर टैक्स छूट उपलब्ध होगी.

आपके लाभार्थी या नॉमिनी को भुगतान किए गए डेथ बेनेफिट पर टैक्स नहीं लगता है. उन्हें बिना किसी टैक्स का भुगतान किए पूरा सम अश्योर्ड मिलेगा.

बॉन्ड्स 

बॉन्ड पर अर्जित ब्याज और कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है.  

बैंक FD

फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. हालांकि, सीनियर सिटीज़न के लिए ₹50,000 तक का लाभ उपलब्ध है/-

SCSS

इन्वेस्टमेंट सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती योग्य हैं, जो ₹1, 50,000/- की निर्दिष्ट लिमिट के अधीन है, अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. हालांकि, सीनियर सिटीज़न सेक्शन 80TTB के तहत अर्जित ब्याज पर प्रति वर्ष ₹ 50,000 तक की कटौती का क्लेम कर सकते हैं#


NPS


NPS में योगदान की कटौती का क्लेम इनकम टैक्स एक्ट,1961 के सेक्शन 80CCD के तहत किया जा सकता है, जिसमें सेक्शन 80CCD(2) # के तहत ₹50,000/- की अतिरिक्त कटौती शामिल है. हालांकि, सेक्शन 80CCE# में निर्धारित किए अनुसार, कुल कटौती ₹1, 50,000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए.

मेच्योरिटी कॉर्पस का 60% तक टैक्स-फ्री रूप से निकाला जा सकता है.

लाइफ इंश्योरेंस


आपके जीवन बीमा प्लान के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स लाभ के योग्य हैं*. आप इस सेक्शन के तहत प्रति वर्ष ₹ 1, 50,000 की अधिकतम कटौती का क्लेम कर सकते हैं, जो इसमें उल्लिखित शर्तों के अधीन है. 

मेच्योरिटी लाभ पर छूट उन पॉलिसी के लिए उपलब्ध होती है, जहां किसी भी वर्ष में भुगतान किए गए प्रीमियम ₹5 लाख से कम होते हैं और ये डेथ सम इंश्योर्ड के 10% से अधिक नहीं होते हैं.


आपके लाभार्थी या नॉमिनी को भुगतान किए गए डेथ बेनेफिट पर टैक्स नहीं लगता है. उन्हें बिना किसी टैक्स का भुगतान किए पूरा सम अश्योर्ड मिलेगा.

जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर इन्वेस्टमेंट प्लान

अपनी ज़रूरतों और लक्ष्यों के अनुरूप सबसे बेहतर इन्वेस्टमेंट प्लान खोजने के लिए अपने इन्वेस्टमेंट प्लान का मूल्यांकन करते समय, आपको अपनी जोखिम लेने की क्षमता पर विचार करना चाहिए. उच्च जोखिम उठाने की क्षमता वाले व्यक्ति अधिक रिटर्न अर्जित करने के लिए अधिक जोखिम उठाने के लिए तैयार होते हैं. हालांकि, जो लोग कम जोखिम उठाने की इच्छा रखते हैं, वे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्पों पर निर्भर करते हैं. ऐसी स्थिति में रिटर्न बहुत ज्यादा नहीं होते, लेकिन वे मार्केट से जुड़े जोखिमों से बहुत कम प्रभावित होते हैं. आइए समझते हैं कि आपकी जोखिम लेने की क्षमता आपके इन्वेस्टमेंट विकल्पों को कैसे प्रभावित करती है.

High returns Investments

उच्च जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट

अधिकांश मार्केट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट को उच्च जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट प्लान माना जाता है. इनमें बहुत अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. हालांकि, वे मार्केट से लिंक्ड होते हैं और काफी उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं. स्टॉक, म्यूचुअल फंड, IPO और इक्विटी-हेवी यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान आदि सभी उच्च जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट माने जाते हैं.

Medium-Risk Investments

मध्यम-जोखिम वाले निवेश

इन इन्वेस्टमेंट को एक इन्वेस्टमेंट प्लान के अंदर संरचित किया जाता है, जिसका उद्देश्य जोखिम और रिवॉर्ड के बीच संतुलन बनाना होता है. इनमें उच्च जोखिम वाले तथा सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्पों का मिश्रण होता है, जिससे मार्केट गिरने पर स्थिर रिटर्न मिलते हैं. डेट और बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड, सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड, और गोल्ड इन्वेस्टमेंट इस कैटेगरी में आते हैं.

 Low Risk Investments

कम-जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट

कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट में आपको बहुत कम या शून्य जोखिम का सामना करना पड़ता है. PPF, NPS, पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम, बैंक और कंपनी FD, SCSS, RBI टैक्सेबल बॉन्ड और पारंपरिक जीवन बीमा प्लान आदि सभी कम जोखिम कैटेगरी में आते हैं. इन विकल्पों जैसे सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्प की मदद से कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट माध्यमों में इन्वेस्ट करने के बाद भी आप अपनी वेल्थ बढ़ा सकते हैं.

आपको इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्ट करना कब शुरू करना चाहिए?

क्या आपको जानना है - इन्वेस्टमेंट क्या है?

इन्वेस्टमेंट एक सफर है, मंजिल नहीं. इसमें जोखिम कम करते हुए रिटर्न अर्जित करने और अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के फाइनेंशियल निर्णय लेने पड़ते हैं. इन्वेस्टमेंट शुरू करने का सबसे अच्छा समय युवावस्‍था होता है, लेकिन आप इसे कभी भी शुरू सकते हैं. आप अपना कर्ज़ चुकाने और कम से कम तीन महीने की आय के बराबर का एक एमरजेंसी फंड तैयार रखने के बाद किसी भी उम्र में इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं.
 

इन्वेस्टमेंट शुरू करने के लिए प्रमुख बातें:
 

  1. 1. अपना कर्ज़ चुकाएं: सुनिश्चित करें कि आपके सभी कर्ज़ चुका दिए गए हों. यह एक ठोस फाइनेंशियल आधार तैयार करता है.
  2. 2. एमरजेंसी फंड बनाएं: आपातकालीन स्थितियों के लिए कम से कम तीन महीने की आय बचाकर रखें.
  3. 3. इन्वेस्ट करना शुरू करें:जब आप फाइनेंशियल रूप से स्थिर हो जाएं, तो आप इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं, भले ही आपकी उम्र 20, 30 या 50 वर्ष हो.
     

इन्वेस्टमेंट टूल्स का उपयोग:
 

  • इन्वेस्टमेंट कैलकुलेटर: इन्वेस्टमेंट राशि, समय अवधि, अपेक्षित रिटर्न दर और इन्वेस्टमेंट की फ्रीक्वेंसी जैसे कुछ आसान विवरण के साथ अपने रिटर्न का अनुमान लगाएं.
  • रिटायरमेंट कैलकुलेटर: अपने लिए आवश्यक धनराशि का निर्धारण करके रिटायरमेंट के लिए प्लान करें.
  • पेंशन कैलकुलेटर: सुखद रिटायरमेंट सुनिश्चित करने के लिए अपनी पेंशन की आवश्यकताओं का आकलन करें.


जीवन के अलग-अलग चरणों के लिए इन्‍वेस्‍टमेंट रणनीतियां:
 

आयु वर्ग

इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी

20s

लंबी इन्वेस्टमेंट अवधि के कारण उच्च रिटर्न के लिए इक्विटी-आधारित ULIP पर फोकस करें. इस आयु वर्ग के लिए सबसे अच्‍छे इन्वेस्टमेंट प्लान आमतौर पर इक्विटी में फंड का उच्‍च प्रतिशत एलोकेट करते हैं और मार्केट के उतार-चढ़ाव का लाभ उठाते हैं. आक्रामक ग्रोथ स्‍ट्रेटेजी बनाए रखते हुए जोखिम मैनेज करने के लिए डेट फंड में एक छोटे इन्‍वेस्‍टमेंट के साथ विविधता लाने पर विचार करें.

30s

वृद्धि और स्थिरता को संतुलित करने के लिए इक्विटी और डेट फंड में मिले-जुले इन्‍वेस्‍टमेंट का उद्देश्य रखें. धन संचय और लाइफ कवरेज पर फोकस करते हुए ULIP में इन्वेस्टमेंट बढ़ाएं. सेक्शन 80C के तहत टैक्स लाभ प्रदान करने वाले फंड जोड़ने पर विचार करें.

50s

पूंजी को सुरक्षित रखने और स्थिर विकास सुनिश्चित करने के लिए डेट और संतुलित फंड की ओर ध्यान केंद्रित करें. जैसे-जैसे रिटायरमेंट करीब आ रहा हो, जोखिम कम करने के लिए इक्विटी में इन्‍वेस्‍टमेंट को कम करें. स्थिरता और नियमित आय विकल्प प्रदान करने वाले ULIP की तलाश करें.

रिटायरमेंट

रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय सुनिश्चित करने के लिए डेट फंड और एन्युटी प्लान में इन्वेस्टमेंट को प्राथमिकता दें. पूंजी सुरक्षि‍त रखने और जोखिम कम करने पर ध्यान दें. ऐसे ULIP पर विचार करें जो गारंटीड आय लाभ और लाइफ कवरेज ऑफर करते हैं.


इन्‍वेस्‍ट करना सोच-समझ कर फाइनेंशियल निर्णय लेने की एक निरंतर प्रोसेस है. अपने इन्वेस्टमेंट को प्लान करने और ऑप्टिमाइज़ करने के लिए उपलब्ध टूल का उपयोग करें. याद रखें, आप जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, उतने ही बेहतर ढंग से भविष्य के लिए तैयार होंगे.
 

आपको सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान में क्यों इन्वेस्ट करना चाहिए?

इन्वेस्टमेंट, सेविंग के लिए आपके द्वारा किया गया प्रयास है, जिसका उद्देश्य अपनी संपत्ति में बढ़ोत्तरी करना और अतिरिक्त इनकम या लाभ प्राप्त करना है.

अपने जीवन के हर माइलस्टोन के साथ, आप यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके परिवार के सपने और आवश्यकताएं पूरी हों, आप छुट्टियों की योजना बनाते हैं और छुट्टियों पर जाते हैं, शादी करते हैं, अध्ययन करने के लिए विदेश जाते हैं, साथ ही किसी अप्रत्याशित घटना आदि के लिए तैयार रहते हैं. इसलिए, आपको अपनी बचत को प्लान करने और इन्वेस्ट करने की आवश्यकता होती है. यह प्लानिंग आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों पर निर्भर करती है. यह इन्वेस्टमेंट आपको उन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा और आपको पैसों से पैसे कमाने की सुविधा देगा, जिससे आप फाइनेंशियल स्वतंत्रता प्राप्त कर सकेंगे.

विदेश में रहने वालों के लिए, NRI के लिए इन्वेस्टमेंट प्लान ढूंढना विशेष रूप से बॉर्डर के पार फाइनेंस को मैनेज करने में लाभदायक हो सकता है.


इन्वेस्टमेंट प्लान खरीदने के लिए किन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है?

इनकम प्रूफ

एड्रेस प्रूफ

आयु प्रमाण

आइडेंटिटी प्रूफ

वेतनभोगी व्यक्ति

स्व व्यवसायी

वोटर ID

PAN कार्ड

आधार कार्ड

फॉर्म 16

फॉर्म 26 AS

आधार कार्ड

PAN कार्ड

आपकी सेलरी क्रेडिट दिखाने वाला बैंक स्टेटमेंट.

पिछले 2 वर्षों के IT रिटर्न, जो इनकम कंप्यूटेशन के साथ एक साथ फाइल नहीं किए गए हैं

पासपोर्ट

 

वोटर ID

पिछले 2 वर्षों के IT रिटर्न

इनकम कंप्यूटेशन, अगर उपलब्ध नहीं है, तो ITR का वर्ष, जो एक साथ फाइल नहीं किए गए हैं

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर जिसमें एड्रेस, आधार नंबर और नाम दिया गया हो.

नगरपालिका से बना जन्म प्रमाणपत्र

पासपोर्ट

पिछले 2 वर्षों का P&L अकाउंट और CA द्वारा जारी बैलेंस शीट

केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया कोई अन्य डॉक्यूमेंट.

वोटर ID

इन्वेस्टमेंट प्लान के बारे में FAQ

1 सेविंग प्लान और इन्वेस्टमेंट प्लान में क्या अंतर है?

'सेविंग' और 'इन्वेस्टिंग' शब्दों का इस्तेमाल अक्सर एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है, लेकिन हमेशा इनका उपयोग सटीक नहीं होता. सेविंंग और इन्वेस्टमेंट, दो अलग-अलग प्रकार के फाइनेंशियल टूल हैं, जिनका उपयोग विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है.

सेविंग: इसका अर्थ है भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए थोड़े पैसे अलग से निकाल कर रखना. आमतौर पर इन पैसों को सेविंग अकाउंट में रखा जाता है, ताकि एमरज़ेंसी की स्थितियों में इनको आसानी से एक्सेस किया जा सके.

इन्वेस्टमेंट: दूसरी ओर, इन्वेस्टमेंट आपके पैसे को बढ़ाने में मदद करने के लिए बॉन्ड, स्टॉक, रियल एस्टेट या म्यूचुअल फंड जैसे एसेट खरीदने को दर्शाता है.

एक ओर जहां सेविंग प्लान आपको समय के साथ फंड बनाने में मदद करता है, वहीं इन्वेस्टमेंट प्लान आपको ऐसे माध्यम प्रदान करता है जिनकी मदद से आप अपने पैसों में वृद्धि कर सकते हैं.

2 मुझे इन्वेस्टमेंट प्लान क्यों चुनना चाहिए?

हम सभी अपने जीवन में कोई न कोई लक्ष्य रखते हैं. इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट प्लान होना बहुत आवश्यक है. आज के समय में, केवल कमाना और बचत करना ही पर्याप्त नहीं है. घर खरीदने या फाइनेंशियल रूप से सुरक्षित रिटायरमेंट प्राप्त करने के लिए, यह बहुत ज़रूरी है कि आप ऐसे इन्वेस्टमेंट माध्यम खोजें जो समय के साथ आपके पैसों में बढ़ोत्तरी कर सकें. याद रखें, इन्वेस्ट करने से पहले अपने लक्ष्यों को निर्धारित करना आवश्यक है, ताकि आप इन्वेस्टमेंट प्रोसेस को इनके अनुसार निर्धारित कर सकें.

3 मुझे शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान में से किसे चुनना चाहिए?

इसका जवाब मुख्य रूप से आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों पर निर्भर करेगा. हालांकि, आपके पोर्टफोलियो में शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म, दोनों प्रकार के इन्वेस्टमेंट का अच्छा मिश्रण रखना बेहतर होगा. शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान आपको अपने छोटी अवधि के फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे, जैसे कि कार खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे जुटाना, जबकि लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान आपको घर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे बचाने जैसे लंबे समय के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बना सकते हैं. कुल मिलाकर, लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान को आमतौर पर सबसे अच्‍छे इन्वेस्टमेंट प्लान प्रस्ताव में से एक के रूप में पसंद किया जाता है क्योंकि यह एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट टूल है, जिसका उपयोग लंबे समय में बेहतर रिटर्न प्राप्‍त करने के लिए किया जा सकता है.

4 मैं अपने इन्वेस्टमेंट से कितने पैसे निकाल सकता/सकती हूं?

इसके लिए कोई नियम निर्धारित नहीं है और लॉक-इन-पीरियड न होने पर आप समय-समय पर पैसे निकाल सकते हैं. आप एकमुश्त राशि निकाल सकते हैं या अपनी आवश्यकता के अनुसार राशि निकाल सकते हैं. हालांकि, अगर आपको किसी एमरज़ेंसी स्थिति या किसी विशेष लक्ष्य के लिए पैसों की बहुत अधिक आवश्यकता है, तो ही आपको पैसे निकालने चाहिए. अगर आपको लाभ होता है तो आप उन पैसों को दोबारा इन्वेस्ट कर सकते हैं. लेकिन ऐसा करने से पहले आपको इसमें लगने वाले शुल्कों और इसके टैक्स प्रभावों पर विचार कर लेना चाहिए.

5 उच्चतम रिफंड के साथ आने वाला सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट कौन सा है?

ऐसे बहुत से इन्वेस्टमेंट माध्यम हैं जो आपको अच्छे रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन अगर आप तय नहीं कर पा रहे हैं तो आपको सबसे पहले अपनी आवश्यकताओं और जोखिम लेने की क्षमता का आकलन करना होगा और उसके अनुसार अपने लिए सबसे उपयुक्त इन्वेस्टमेंट विकल्प चुनना होगा. भारतीय लोग आमतौर पर सरकार समर्थित इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें सुरक्षित माना जाता है लेकिन निम्नलिखित विकल्प भी आपको अच्छे रिटर्न दे सकते हैं

  • फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD)

  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

  • नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)

  • गोल्ड

  • इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)

  • रिकरिंग डिपॉजिट (RD)

  • रियल एस्टेट

6 इन्वेस्टमेंट में 72 का नियम क्या है?

इन्वेस्टमेंट में 72 का नियम एक फॉर्मूला को दर्शाता है जिससे आपको यह पता लगता है कि आपका इन्वेस्टमेंट कितने समय में दोगुना हो जाएगा. सबसे पहले अपनी वार्षिक रिटर्न दर निर्धारित करें. 72 में अपनी रिटर्न दर का भाग दें, आपके इन्वेस्टमेंट को दोगुना होने में इतना ही समय लगेगा. उदाहरण के लिए, अगर आप 8% रिटर्न अर्जित करते हैं, तो आपका कॉर्पस नौ वर्षों में दोगुना हो जाएगा.

7 मैं अपना पैसा तेज़ी से कैसे बढ़ा सकता/सकती हूं?

बहुत से अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट तेज़ और उच्च रिटर्न देते हैं. हालांकि, उनमें आपका जोखिम भी बहुत अधिक होता है. तेज़ी से पैसा बनाने के आदर्श तरीके की पहचान करने के लिए उच्च जोखिम वाले और मध्यम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट विकल्पों के मिश्रण का मूल्यांकन करें.

8 सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट कौन सा है?

सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्प, इन्वेस्टर की जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करता है. कोई भी ऐसा इन्वेस्टमेंट सुरक्षित माना जाता है, जिसमें आपका पैसा धीरे-धीरे लगातार बढ़ता रहे. भविष्य के लिए कॉर्पस बनाते समय, आप अपनी जोखिम क्षमता का मूल्यांकन कर सकते हैं और न्यूनतम जोखिम वाले प्लान खोज सकते हैं.

9 क्या मुझे गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए?

गोल्ड एक बेहतरीन निवेश माध्यम है, जो आपके पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करता है और इसे मुद्रास्फीति के खिलाफ हेजिंग प्रदान करता है. हालांकि, आपको कोई भी इन्वेस्टमेंट करने से पहले अपनी फाइनेंशियल ज़रूरतों को समझना चाहिए.

10 क्या इन्वेस्टमेंट पर 10% रिटर्न संभव है?

हां, कुछ इन्वेस्टमेंट विकल्प 10% रिटर्न प्रदान करते हैं. फिर भी, याद रखें कि फंड का पिछला प्रदर्शन इस बात की गारंटी नहीं है कि यह भविष्य में भी अपने प्रदर्शन को दोहराएगा. इन्वेस्ट करने से पहले संभावित लाभ और जोखिमों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें. या आप इसे बेहतर समझने के लिए एक्सपर्ट से परामर्श कर सकते हैं.

11 आप पांच वर्षों में अपना इन्वेस्टमेंट कैसे दोगुना कर सकते हैं?

उदाहरण के लिए, अगर आपका इन्वेस्टमेंट प्लान कम से कम 15% रिटर्न प्रदान कर रहा है, तो आप पांच वर्षों में अपने इन्वेस्टमेंट को दोगुना कर सकेंगे. इन्वेस्ट करने से पहले सभी विकल्पों पर विचार कर लें और एक ऐसे प्लान में इन्वेस्ट करें जो स्थिर रिटर्न प्रदान करते हुए आपके जोखिम को मैनेज करे. हालांकि, रिटर्न उस कमोडिटी के प्रदर्शन पर भी निर्भर करता है जिसमें पैसे इन्वेस्ट किए जाते हैं.

12 इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सा प्लान सबसे अच्छा है?

बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान वह है जो आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुरूप हो. साथ ही, यह भी ज़रूरी है कि वह आपकी जोखिम सहनशीलता और समय सीमा, दोनों से मेल खाता हो. विभिन्न इन्वेस्टमेंट साधनों का अपना मिश्रण चुनने से पहले फाइनेंशियल सलाहकार से परामर्श करें.

13 15 * 15 * 30 नियम क्या है?

15 * 15 * 30 नियम यह कहता है कि आप अपनी आय का 15% शॉर्ट-टर्म सेविंग में लगाएं, 15% लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट में लगाएं और 30% दैनिक जीवन के खर्चों के लिए रखें. इससे आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग में संतुलन बनाने में मदद मिलती है.

14 कौन सा इन्वेस्टमेंट सबसे अधिक रिटर्न देता है?

स्टॉक, रियल एस्टेट और म्यूचुअल फंड हमेशा से हाई रिटर्न वाले इन्वेस्टमेंट रहे हैं. हालांकि, निर्णय लेने से पहले अपनी जोखिम सहनशीलता और इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों पर विचार करना महत्वपूर्ण है.

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लोकप्रिय खोजें

1.बशर्ते सभी देय प्रीमियम का भुगतान किया गया है और पॉलिसी लागू है.

2.पॉलिसी की अवधि चुनने पर मान्य, जैसे (100 - प्रवेश के समय उम्र) वर्ष.

3.यह इनकम वेरिएंट पर लागू होता है, जिसके द्वारा पॉलिसी अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति के जीवित रहने पर गारंटीड इनकम का भुगतान किया जाता है, बशर्ते प्रीमियम भुगतान अवधि के दौरान सभी देय प्रीमियम का भुगतान किया गया हो

4. एक्स्ट्रा लाइफ विकल्प के तहत दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर अतिरिक्त सम अश्योर्ड का भुगतान किया जाता है.

5. प्रवेश की आयु, प्रीमियम भुगतान अवधि और पॉलिसी अवधि के आधार पर 100x तक का सम अश्योर्ड.

8. सुनिश्चित मेच्योरिटी लाभ केवल पॉलिसी मेच्योरिटी पर ही भुगतान किया जाएगा, बशर्ते सभी देय प्रीमियम का भुगतान किया गया हो और यह मृत्यु या सरेंडर पर लागू नहीं होगा.

* इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत निर्दिष्ट शर्तों के अधीन. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट कांट्रैक्ट के पहले पांच वर्षों के दौरान कोई लिक्विडिटी नहीं देते हैं. पॉलिसीधारक, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट में इन्वेस्ट की गई राशि को पांचवें वर्ष के अंत तक पूरी तरह से या आंशिक रूप से नहीं निकाल पाएंगे या पॉलिसी को सरेंडर नहीं कर पाएंगे. एच डी एफ सी लाइफ संचय प्लस (UIN: 101N134V22) एक नॉन-पार्टिसिपेटिंग, नॉन-लिंक्ड सेविंग इंश्योरेंस प्लान है. एच डी एफ सी लाइफ संचय फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान (UIN:101N142V05) एक नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, इंडिविजुअल, सेविंग, जीवन बीमा प्लान है. इस प्रोडक्ट में जीवन बीमा कवरेज उपलब्ध है. एच डी एफ सी लाइफ स्मार्ट प्रोटेक्ट प्लान (UIN: 101L175V03) एक यूनिट लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग इंडिविजुअल जीवन बीमा प्रोडक्ट है. एच डी एफ सी लाइफ संपूर्ण निवेश (UIN नंबर: 101L103V03) एक यूनिट लिंक्ड नॉन पार्टिसिपेटिंग जीवन बीमा प्लान है. इस प्रोडक्ट में जीवन बीमा कवरेज उपलब्ध है, एच डी एफ सी लाइफ क्लिक 2 वेल्थ (UIN:101L133V03) एक यूनिट लिंक्ड नॉन-पार्टिसिपेटिंग इंडिविजुअल जीवन बीमा प्लान है. यूनिट लिंक्ड जीवन बीमा प्रॉडक्ट, आम बीमा प्रॉडक्ट से अलग होते हैं और जोखिम कारकों के अधीन होते हैं. यूनिट लिंक्ड लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में भुगतान किए गए प्रीमियम, कैपिटल मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट जोखिमों के अधीन हैं और यूनिट की NAV, फंड के प्रदर्शन और कैपिटल मार्केट को प्रभावित करने वाले कारकों के आधार पर ऊपर या नीचे जा सकती है और बीमित व्यक्ति अपने निर्णयों के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा. एच डी एफ सी जीवन बीमा कंपनी लिमिटेड केवल बीमा कंपनी का नाम है, कंपनी का नाम, कॉन्ट्रैक्ट का नाम किसी भी तरह से कॉन्ट्रैक्ट की क्वालिटी, उसकी भविष्य की संभावनाओं या रिटर्न को नहीं दर्शाता है. कृपया अपने बीमा एजेंट से या जिससे आप इंश्योरेंस ले रहे हैं उससे या इंश्योरर के पॉलिसी डॉक्यूमेंट के माध्यम से, संबंधित जोखिम और लागू होने वाले शुल्कों के बारे में जान लें. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत ऑफर किए जाने वाले अलग-अलग फंड केवल फंड के नाम हैं और ये किसी भी तरह इन प्लान की गुणवत्ता और भविष्य में उनके प्रॉस्पेक्ट और रिटर्न को नहीं दर्शाते हैं.

18. अगर आप एक सामान्य व्यक्ति हैं, 30% के इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं, आपकी टैक्स योग्य आय रु. 50 लाख से कम है, और आप पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनते हैं, तो आप रु.1.5 लाख प्रति वर्ष के इंश्योरेंस प्रीमियम पर, टैक्स पर 46,800 की बचत कर सकते हैं. 

#इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के 10 (10D) के तहत निर्धारित शर्तों के अधीन. टैक्स लाभ और छूट इनकम टैक्स एक्ट, 1961 और इसके प्रावधानों की शर्तों के अधीन हैं. टैक्स कानून समय-समय पर बदल सकते हैं. कस्टमर से अनुरोध है कि वह इनकम टैक्स कानून के तहत आने वाली अपनी पर्सनल टैक्स देयताओं के संबंध में अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से या पर्सनल टैक्स सलाहकार से टैक्स सलाह लें.

ARN - ED/03/24/9993-HI